बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 राजनीति शास्त्र बीए सेमेस्टर-1 राजनीति शास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 राजनीति शास्त्र
प्रश्न- काँग्रेस में उग्रवादी विचारधारा के उद्भव के क्या कारण थे?
उत्तर-
काँग्रेस में उग्रवादी विचारधारा के उद्भव के कारण - 19वीं सदी के अन्त तक जब नरमपंथी, राजनीति की असफलता एकदम स्पष्ट हो गई तब काँग्रेस की कतारों से ही एक प्रतिक्रिया पैदा हुई और इस नई प्रवृत्ति को गरमपंथी प्रवृत्ति कहा जाता है। भारतीय जनमानस के बढ़ते असतोष, सरकार की अकर्मण्यता और काँग्रेस की उदासीनता की अभिव्यक्ति उग्र राष्ट्रीय चेतना के रूप में हुई और उसके उन्नायक लोकमान्य तिलक, लाला लाजपत राय और विपिनचन्द्र पाल थे।
उग्रवादी राष्ट्रीयता (गरमपंथ) के उदय के कारण-
1. ब्रिटिश शासन के सही स्वरूप की पहचान - विश्वास पर आधारित थी कि ब्रिटिश शासन को अन्दर से सुधारा जा सकता है लेकिन राजनीतिक व नरमपंथी राष्ट्रवादियों की राजनीति इस आर्थिक प्रश्नों से सम्बन्धित ज्ञान जब फैला तब धीरे-धीरे यह विश्वास टूट गया। राष्ट्रवादी लेखकों और आंदोलनकारियों ने जनता की निर्धनता का दोषी ब्रिटिश शासन को ठहराया।
2. राजनीतिक निराशा - 1892 से 1905 के बीच घटी राजनीतिक घटनाओं ने भी राष्ट्रवादियो को निराश करके उन्हें और भी उग्र राजनीति के बारे में सोचने को बाध्य किया। 1892 के इंडियन कौंसिल एक्ट ने लोगो को निराश ही किया। 1897 में तिलक पर राजद्रोह का अभियोग लगाकर 18 महीने के कारावास, 1898 में पारित एक कानून के अन्तर्गत विदेशी शासन के प्रति असंतोष की भावना फैलाने को अपराध घोषित करने तथा नरमपंथियों के नेतृत्व में काँग्रेस की उपलब्धियों के प्रति असंतोष की भावना ने उग्र राष्ट्रवाद की भावना को अत्यधिक बल दिया।
3. कर्जन की प्रति बुद्धिवादी नीति - कर्जन का सात वर्षीय शासन भय और अहंकार पर आधारित था। उसने अनेक लोक विरोधी कानून और प्रशासनिक कदम उठाये जिससे भारतवासियों की भावनायें आहत हुई। लार्ड कर्जन ने 1899 में कलकत्ता नगर निगम में भारतीय सदस्यों की संख्या घटा दी तथा 1904 में इंडियन ऑफिसियल सिक्रेटस एक्ट जिसने प्रेस की स्वतंत्रता को सीमित कर दिया। इसके अतिरिक्त इंडियन यूनिवर्सिटीज एक्ट 1904 के तहत कलकत्ता विश्वविद्यालय को पूर्ण सरकारी नियंत्रण में पहुँचा दिया तथा फरवरी 1905 में कलकत्ता विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भारतीयों के चरित्र पर कटु आरोप लगाया तथा 'सत्य' जैसे परम आदर्श को मूलतः एक पश्चिमी धारणा करार दिया। कर्जन ने 1899-1900 के भयंकर अकाल के पश्चात् 1903 में दिल्ली में एक शानदार दरबार का आयोजन किया जिस पर भारी धन खर्च किया गया और एडवर्ड सप्तम को भारत का सम्राट घोषित किया दिया। इसके अतिरिक्त 1905 में बंगाल विभाजन की क्रिया ने राष्ट्रवादियों व उदारवादियों को झकझोर दिया। कर्जन की इस कठोर प्रतिक्रियावादी कृत्यों ने भारतीय जनमानस में तीव्र असतोष की लहर फैल गयी और उग्र राष्ट्रवाद की भावना प्रबल हुई।
4. अन्तर्राष्ट्रीय आन्दोलनों एवं घटनाओं का प्रभाव- 1868 के बाद आधुनिक जापान का उदय तथा 1905 में जापान द्वारा रूस जैसे विशाल देश को पराजित करना, 1896 में इथियोपिया द्वारा इटली को हराना तथा 1899 में दक्षिण अफ्रीका में ब्रिटिश साम्राज्यवादियों के विरुद्ध बोअर युद्ध में साम्राज्यवादियों को मुँहतोड़ जवाब देना आदि अनेकों अन्तर्राष्ट्रीय घटनाओं से भारतीयों में उत्साह का संचार हुआ तथा भारत में उग्र राष्ट्रवाद को प्रोत्साहन मिला। जापान की विजय पूर्व की पश्चिम पर विजय समझी गई और यह मिथक टूट गया कि यूरोप अपराजेय है। इसके अतिरिक्त आयरलैण्ड, चीन, टर्की की जनता के संघर्ष से भारतीयों में संघर्ष एवं राष्ट्रीयता की भावना जगी।
5. आत्मसम्मान एवं आत्मविश्वास का प्रसार - स्वामी विवेकानन्द, दयानन्द सरस्वती, अरविन्द घोष, लोकमान्य तिलक जैसे राष्ट्रवादियो ने समाज को जागृत करने में महान योगदान दिया। विवेकानन्द ने कहा "लम्बी से लम्बी रात्रि अब समाप्त होती जान पड़ती है, हमारी मातृभूमि अब गहरी नींद से जागे रही है।' स्वामी विवेकानन्द ने लिखा कि भारत की एकमात्र आशा उसकी जनता है, ऊँचे वर्ग शारीरिक और नैतिक दृष्टि से मृतप्राय है। अब यह विचार फैला कि राष्ट्रवाद के उद्देश्य को ऊँचे वर्गों के थोडे से शिक्षित भारतीयों तक अब और सीमित नहीं रहना चाहिए उसके बजाय अब जनता की राजनीतिक चेतना को उभारा जाना चाहिए। अरविन्द घोष ने कहा "स्वतन्त्रता हमारे जीवन का उद्देश्य है।' तिलक ने भी स्वधर्म, स्वराज्य, देशभक्ति का भाव जगाया। इस तरह इन नेताओं ने देशवासियों के जीवन में आत्मविश्वास और स्वाभिमान जगाते हुए राष्ट्रीय चेतना का सचार किया।
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- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रवाद के उद्भव और विकास के कारणों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय आन्दोलन में कांग्रेस के उदारवादी चरण की विचारधारा, कार्यपद्धति, माँगें, सीमाओं के आलोक में मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के जन्म के संदर्भ पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- काँग्रेस में उग्रवादी विचारधारा के उद्भव के क्या कारण थे?
- प्रश्न- भारत में राष्ट्रवाद के उदय के तात्कालिक कारण क्या थे?
- प्रश्न- बंगाल विभाजन के निहितार्थ स्पष्ट करते हुए स्वदेशी आन्दोलन का वर्णन कीजिए
- प्रश्न- कांग्रेस के पूर्ववर्ती संगठनों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- उदार राष्ट्रवादियों की विचारधारा एवं कार्यपद्धति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय उदारवादियों के योगदान पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- उग्रवादी राष्ट्रीय आन्दोलन से आप क्या समझते हैं? इसके विकास के समय की राजनीतिक परिस्थितियों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सन् 1909 ई. अधिनियम पारित होने के कारण बताइये।
- प्रश्न- भारत सरकार अधिनियम, (1909 ई.) के प्रमुख प्रावधानों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- जलियाँवाला हत्याकांड की घटना तथा उसके प्रभाव की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- खिलाफत आन्दोलन से क्या अभिप्राय है? खिलाफत आन्दोलन के उदय एवं विकास की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के प्रारम्भ होने प्रमुख कारणों की सविस्तार विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- असहयोग आन्दोलन की असफलता के कारणों पर प्रकाश डालते हुए इसके महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- असहयोग आंदोलन के सिद्धांतों एवं कार्यक्रमों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वैध शासन प्रणाली से आप क्या समझते हैं? इसकी असफलता के क्या कारण थे?
- प्रश्न- 'सविनय अवज्ञा' का अभिप्राय स्पष्ट करते हुए सविनय अवज्ञा आन्दोलन के प्रमुख कारणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'सविनय अवज्ञा आन्दोलन का प्रारम्भ कब और किस प्रकार हुआ सविनय अवज्ञा आन्दोलन के कार्यक्रम पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड' पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- रौलेक्ट एक्ट क्या था?
- प्रश्न- महात्मा गाँधी द्वारा 'खिलाफत' जैसे धार्मिक आन्दोलन का समर्थन किन आधारों पर किया गया था?
- प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के कार्यक्रमों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के सिद्धान्त, कार्यक्रमों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- माण्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार (1919 ई.) के प्रमुख गुणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 'सविनय अवज्ञा आन्दोलन' के विषय में आप क्या जानते हैं? इसे आरम्भ करने के क्या कारण थे?
- प्रश्न- गाँधी-इरविन समझौता क्या था?
- प्रश्न- संविधान सभा का निर्माण किस प्रकार किया गया स्पष्ट कीजिए तथा अपने कार्य निष्पादन में इसे किन बाधाओं का सामना करना पड़ा?
- प्रश्न- भारतीय संविधान सभा की अवधारणा का विकास किस प्रकार हुआ, वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संविधान से आप क्या समझते हैं? भारतीय संविधान के विभिन्न स्रोतों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय संविधान के निर्माण की अवस्थाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संविधान सभा के प्रकृति स्वरूप की चर्चा करते हुए यह भी स्पष्ट कीजिए कि क्या इसे 'वकीलों का स्वर्ग' कहा जा सकता है?
- प्रश्न- क्या आप इस विचार से सहमत हैं कि भारतीय संविधान 1935 के भारत शासन अधिनियम का वृहत् संस्करण है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संविधान की परिभाषा दीजिए। संविधान के मुख्य प्रकारों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संविधान सभा के प्रमुख सदस्यों की कार्यप्रणाली के विषय में बताइए तथा संविधान निर्माण की विभिन्न समितियाँ कौन-सी थी?
- प्रश्न- संविधान सभा द्वारा संविधान के लिए उद्देश्य प्रस्ताव क्या था? संविधान निर्माताओं के सामने संविधान निर्माण में क्या-क्या समस्याएँ थीं?
- प्रश्न- लिखित व निर्मित संविधान से अभिप्राय बताइए।
- प्रश्न- संविधान सभा को कार्य निष्पादन में किन बाधाओं का सामना करना पड़ा?
- प्रश्न- संविधान सभा के कार्यकरण की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- नेहरू रिपोर्ट (1928) की प्रमुख सिफारिशें क्या थीं?
- प्रश्न- पं. नेहरू द्वारा प्रस्तुत उद्देश्य प्रस्ताव (1946) के महत्वपूर्ण प्रस्ताव क्या थे?
- प्रश्न- भारतीय संविधान की मौलिकता पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारत सरकार अधिनियम 1935 पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'प्रारूप समिति' पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- नेहरू रिपोर्ट- 1928 पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारतीय संविधान की प्रस्तावना की भूमिका से क्या आशय है? भारतीय संविधान की प्रस्तावना उद्देश्य तथा महत्व बताइये।
- प्रश्न- भारतीय संविधान की प्रस्तावना के स्वरूप की विश्लेषणात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए
- प्रश्न- 73 वें संविधान संशोधन की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- संविधान की प्रकृति से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- भारतीय संविधान की विशालता के क्या कारण हैं?
- प्रश्न- भारतीय संविधान में केन्द्र को शक्तिशाली क्यों बनाया गया?
- प्रश्न- भारतीय संविधान में संशोधन प्रक्रिया का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संविधान की प्रस्तावना का क्या महत्व है? विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय संविधान की मूल प्रस्तावना को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संवैधानिक उपचारों का अधिकार पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- बयालिसवें संविधान संशोधन के द्वारा संविधान की मूल प्रस्तावना में किये गये सुधारों को बताइये।
- प्रश्न- एकल नागरिकता क्या है?
- प्रश्न- 'लोक कल्याणकारी राज्य' पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय संविधान के नागरिकता सम्बन्धी प्रावधानों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- नागरिकता संशोधन अधिनियम-2019 पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत में किसी भी व्यक्ति की नागरिकता किन आधारों पर समाप्त हो सकती है?
- प्रश्न- मौलिक अधिकारों का महत्व तथा अर्थ बताइये। मौलिक अधिकार व्यवस्था की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- भारतीय नागरिकों को प्राप्त मूल अधिकारों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय संविधान के अधिकार पत्र की प्रमुख विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मानव अधिकारों की रक्षा के लिए किये गये विशेष प्रयत्न इस दिशा में कितने कारगर हैं? विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- मौलिक कर्तव्य कौन-कौन से हैं? इनके महत्व पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- नागरिकों के मूल कर्तव्यों की प्रकृति तथा उनके महत्व का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों के उल्लेख की आवश्यकता पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मौलिक अधिकार एवं नीति-निदेशक तत्वों में अन्तर बतलाइये।
- प्रश्न- विचार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सम्पत्ति के अधिकार पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- निवारक निरोध' से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- क्या मौलिक अधिकारों को निलंबित किया जा सकता है?
- प्रश्न- मौलिक अधिकार एवं मानव अधिकारों में अन्तर लिखिए।
- प्रश्न- मौलिक कर्त्तव्यों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- नीति निर्देशक तत्वों से आप क्या समझते हैं? संविधान में इनके उद्देश्य एवं महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संविधान में वर्णित नीति निर्देशक सिद्धान्तों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- राज्य के नीति निर्देशक तत्वों की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- मौलिक अधिकारों तथा नीति निर्देशक सिद्धान्तों में क्या अन्तर है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- नीति निर्देशक तत्वों के क्रियान्वयन की आलोचनात्मक व्याख्या अपने शब्दों में कीजिए।
- प्रश्न- राज्य के नीति निर्देशक सिद्धान्त के स्वरूप और क्षेत्र का वर्णन कीजिये। भारतीयराजनीतिक व्यवस्था में सुधार के लिए यह किस प्रकार उपयोगी है?
- प्रश्न- नीति-निदेशक तत्वों का अर्थ बताइए।
- प्रश्न- हमारे देश में नीति निर्देशक तत्वों का कार्यान्वयन कहाँ तक हुआ है, स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- राज्य के उन नीति निर्देशक तत्वों का उल्लेख कीजिये जिन्हें गांधीवाद कहा जाता है।
- प्रश्न- नीति निर्देशक तत्वों की प्रकृति अथवा स्वरूप को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- नीति निर्देशक सिद्धान्तों का महत्व स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत में संविधान संशोधन (Constitutional Amendment) की क्या प्रक्रिया अपनाई गई है? विस्तारपूर्वक समझाइए।
- प्रश्न- भारतीय संसद की संविधान संशोधन की शक्ति के विषय में आप क्या जानते हैं?
- प्रश्न- अनुच्छेद 356 चौवालीसवें संविधान संशोधन विधेयक पर संक्षिप्त टिप्पणी करें।
- प्रश्न- राष्ट्रपति पद की योग्यतायें एवं कार्यकाल बताते हुए इस पद की संवैधानिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रपति की चुनाव प्रक्रिया को समझाइये, उसे अपने पद से कैसे हटाया जा सकता है तथा राष्ट्रपति के पद रिक्तता की स्थिति में उसके कार्यों को कैसे सम्पादित किया जाता है?
- प्रश्न- भारत के राष्ट्रपति की स्थिति के सम्बन्ध में संवैधानिक प्रधान की धारणा का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- प्रधानमन्त्री की स्थिति उसका महत्व तथा उसकी भूमिका की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय संघ में प्रधानमन्त्री की नियुक्ति किस प्रकार होती है? शासन में उसका क्या महत्व है?
- प्रश्न- भारत में मंत्रिपरिषद के गठन, कार्य व शक्तियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में मंत्रिमंडलीय प्रणाली की विशेषतायें बताइये।
- प्रश्न- उपराष्ट्रपति पद की योग्यतायें, कार्यकाल तथा निर्वाचन पद्धति बताइये।
- प्रश्न- उपराष्ट्रपति के कार्य एवं शक्तियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रपति पर महाभियोग लगाने की प्रक्रिया का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- भारत के राष्ट्रपति की निर्वाचन प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- क्या भारतीय राष्ट्रपति 'रबर स्टैम्प' है? पुष्टि कीजिए।
- प्रश्न- भारत के राष्ट्रपति की वीटो शक्ति (Veto Power) का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अनुच्छेद 352 पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अनुच्छेद 356 पर टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- मंत्रिपरिषद में प्रधानमंत्री की विशिष्ट स्थिति पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के सम्बन्धों पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- भारत में प्रधानमन्त्री के प्रभुत्व से वृद्धि के कारणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- प्रधानमंत्री वास्तविक कार्यपालक के रूप में टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रधानमन्त्री और संसद पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मंत्रिपरिषद में प्रधानमन्त्री की स्थिति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मंत्रिपरिषद के सामूहिक उत्तरदायित्व पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय संसद की संरचना का संक्षेप में वर्णन कीजिए। संसद के कार्य एवं शक्तियाँ बताइये।
- प्रश्न- राज्य सभा की संरचना, कार्य एवं शक्तियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लोकसभा की संरचना एवं लोकसभा का कार्यकाल बताते हुए इसके कार्य एवं शक्तियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लोकसभा की शक्तियों एवं स्थिति का विश्लेषण कीजिए
- प्रश्न- भारतीय लोकसभा अध्यक्ष की स्थिति, शक्तियों तथा कार्यों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- संसद में कानून निर्माण प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संसद सदस्यों के विशेषाधिकारों का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- लोकसभा अध्यक्ष के कार्य एवं अधिकार संक्षेप में बतायें।
- प्रश्न- राज्य सभा के पदाधिकारियों के विषय में बताइए।
- प्रश्न- वित्त विधेयक के सम्बन्ध में लोकसभा के क्या विशेषाधिकार हैं?
- प्रश्न- धन विधेयक एवं वित्त विधेयक के मध्य भेद स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संसदीय व्यवस्था की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- भारतीय संसद में विपक्ष की भूमिका टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- राज्यपाल की नियुक्ति एवं शक्तियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राज्यपाल की स्वविवेकीय कार्यों एवं शक्तियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- केन्द्रीय सरकार के प्रतिनिधि के रूप में राज्यपाल की भूमिका अथवा स्थिति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- मुख्यमन्त्री की नियुक्ति किस प्रकार होती है? उसकी राज्य के शासन में क्या भूमिका और स्थिति है?
- प्रश्न- मुख्यमन्त्री की नियुक्ति, उसके अधिकार एवं शक्तियों का वर्णन कीजिए एवं मन्त्रिपरिषद एवं विधानसभा के सम्बन्ध को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- राज्यपाल, मंत्रिपरिषद तथा मुख्यमंत्री के आपसी सम्बन्धों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- राज्यपाल की स्वविवेकी शक्तियों पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- राज्यपाल की संवैधानिक स्थिति पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'केन्द्रीय अभिकर्ता' के रूप में राज्यपाल की भूमिका पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- राज्यपाल का निर्वाचन क्यों नहीं होता? संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- संविधान के अनुच्छेद 356 के संदर्भ में राज्य के राज्यपाल की क्या भूमिका है?
- प्रश्न- मुख्यमन्त्री / मन्त्री पद की पात्रता सम्बन्धी सर्वोच्च न्यायालय के 10 सितम्बर, 2000 के निर्णय की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- 'मुख्यमंत्री चयन की राजनीति टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- विधानसभा की रचना तथा कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विधान परिषद की रचना किस प्रकार होती है? उसके कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत के सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना और गठन का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सर्वोच्च न्यायालय के न्यायिक समीक्षा के अधिकार का वर्णन कीजिए तथा इसका महत्व समझाइये।
- प्रश्न- सर्वोच्च न्यायालय की आवश्यकता एवं महत्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत में सर्वोच्च न्यायालय के संगठन, शक्तियों और कार्यों की विवेचना कीजिए। इसे भारतीय संविधान का संरक्षक क्यों कहा जाता है?
- प्रश्न- उच्च न्यायालय के गठन एवं न्यायाधीशों की नियुक्ति, कार्यकाल,शपथ एवं स्थानान्तरण पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार या शक्तियों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- मौलिक अधिकारों के रक्षक के रूप में सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- 'सामाजिक न्याय' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
- प्रश्न- न्याय पुनः निरीक्षण की शक्ति तथा उच्च न्यायालयों की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत में केन्द्र राज्य सम्बन्धों की स्पष्ट व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- भारत में केन्द्र राज्य सम्बन्धों का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- केन्द्र तथा राज्यों के बीच सम्बन्धों के सुधार के लिए आप किन उपायों को आवश्यक समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- राज्य स्वायत्तता (Autonomy) से आप क्या समझते हैं? संक्षेप में टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- 'सहकारी संघवाद' (Co-operative Federalism) पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- वित्त आयोग के गठन पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय विकास परिषद के गठन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- लोकतान्त्रिक विकेन्द्रीकरण पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- संविधान की 5वीं एवं 6ठी अनुसूची किन क्षेत्रों को विशेष दर्जा प्रदान करती है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संविधान की छठी अनुसूची किन क्षेत्रों से सम्बन्धित विशेष प्रावधान करती है?
- प्रश्न- संविधान में आदिवासी क्षेत्रों के लिये विशेष प्रावधान क्यों रखे गये? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत और उत्तर-पूर्व के राज्यों को लागू इनर-लाइन परमिट क्या है?
- प्रश्न- भारत में निर्वाचन आयोग के संगठन एवं कार्यों अथवा शक्तियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में निर्वाचन पद्धति के दोषों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत में निर्वाचन पद्धति के दोषों को दूर करने के सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- क्या निर्वाचन आयोग एक निष्पक्ष एवं स्वतन्त्र संस्था है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मतदान व्यवहार क्या है? मतदान व्यवहार को प्रभावित करने वाले तत्वों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- निर्वाचन विषयक आधारभूत सिद्धान्तों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- मुख्य निर्वाचन आयुक्त पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए
- प्रश्न- चुनाव सुधारों में बाधाओं पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- मतदान व्यवहार को प्रभावित करने वाले तत्व बताइये।
- प्रश्न- चुनाव सुधार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।